द मूव

ट्रिस्टन

क्रेन इंडस्ट्रीज के बोर्डरूम में बहुत ज्यादा खामोशी थी। फर्श से छत तक का कांच सब कुछ साफ और सजीव दिखा रहा था, लेकिन उस ठंडी पारदर्शिता के नीचे एक तूफान उठ रहा था। मौसम भी पूरा धूसर था...एक तूफान जो वाकई में आ रहा था।

मेरा वकील, रोवन पटेल, मेरे सामने बैठा था, उसकी आस्तीनें कोहनी तक मुड़ी...

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